हनुमानगढ़ी
सिद्धपीठ है हनुमानगढ़ी, रामलला दर्शन से पहले हनुमान आज्ञा है जरूरी
अयोध्या को भगवान राम की नगरी कहा जाता है. ये मान्यता है कि यहां हनुमान जी सदैव वास करते हैं. इसलिए अयोध्या आकर भगवान राम के दर्शन से पहले भक्त हनुमान जी के दर्शन करते हैं.
हनुमानगढ़ी
कहाँ है ये मंदिर?
हनुमान गढ़ी, श्री हनुमान के मुख्य मंदिरो में से एक है. ये उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से 100 किमी दूर सीतापुर जिले में अयोध्या के पास है. यहां हनुमान जी की मूर्ती बलिष्ठ और लाल रंग में है.
हनुमान गढ़ी, श्री हनुमान के मुख्य मंदिरो में से एक है. ये उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से 100 किमी दूर सीतापुर जिले में अयोध्या के पास है. यहां हनुमान जी की मूर्ती बलिष्ठ और लाल रंग में है.
क्यों भक्त पहले हनुमानगढ़ी जाते हैं?
मान्यता है कि भगवान राम जब लंका जीतकर अयोध्या लौटे, तो उन्होंने अपने प्रिय भक्त हनुमान को रहने के लिए यही स्थान दिया. साथ ही यह अधिकार भी दिया कि जो भी भक्त यहां दर्शन के लिए अयोध्या आएगा, उसे पहले हनुमान का दर्शन-पूजन करना होगा.
मान्यता है कि भगवान राम जब लंका जीतकर अयोध्या लौटे, तो उन्होंने अपने प्रिय भक्त हनुमान को रहने के लिए यही स्थान दिया. साथ ही यह अधिकार भी दिया कि जो भी भक्त यहां दर्शन के लिए अयोध्या आएगा, उसे पहले हनुमान का दर्शन-पूजन करना होगा.
कैसा है ये मंदिर?
76 सीढ़ियों का सफर तय करने पर यहां भक्त पवनपुत्र के सबसे छोटे रूप के दर्शन करते हैं. ये हनुमान टीला है, जो हनुमानगढ़ी के नाम से प्रसिद्ध है. यहां पवनपुत्र हनुमान की 6 इंच की प्रतिमा है, जो हमेशा फूल-मालाओं से सुशोभित रहती है. हनुमान चालीसा की चौपाइयां मंदिर की दीवारों पर सुशोभित हैं.
76 सीढ़ियों का सफर तय करने पर यहां भक्त पवनपुत्र के सबसे छोटे रूप के दर्शन करते हैं. ये हनुमान टीला है, जो हनुमानगढ़ी के नाम से प्रसिद्ध है. यहां पवनपुत्र हनुमान की 6 इंच की प्रतिमा है, जो हमेशा फूल-मालाओं से सुशोभित रहती है. हनुमान चालीसा की चौपाइयां मंदिर की दीवारों पर सुशोभित हैं.
क्यों खास है ये मंदिर?
इस मंदिर में दक्षिण मुखी हनुमान जी हैं. मान्यता है कि यहां दर्शन करने और हनुमान जी को लाल चोला चढ़ाने से ग्रह शांत हो जाते हैं, जीवन में सफलता और समृद्धि मिलती है. यह हनुमान जी का सिद्ध पीठ है.
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