सती के त्याग का गवाह है माया देवी शक्तिपीठ
सती के त्याग का गवाह है माया देवी शक्तिपीठ हरिद्वार में त्रिदेव वास करते हैं, लेकिन मोक्ष की इस नगरी में ही एक शक्तिपीठ भी है जो सती के त्याग की गवाह है. यह शक्तिपीठ सती के शिव के प्रति प्रेम का भी गवाह है. हरिद्वार का माया देवी शक्तिपीठ 51 शक्तिपीठों में से एक है, जहां सती की नाभि गिरी थी. हरिद्वार में त्रिदेव वास करते हैं, लेकिन मोक्ष की इस नगरी में ही एक शक्तिपीठ भी है जो सती के त्याग का गवाह है. यह शक्तिपीठ सती के शिव के प्रति प्रेम का भी गवाह है. हरिद्वार का माया देवी शक्तिपीठ 51 शक्तिपीठों में से एक है, जहां सती की नाभि गिरी थी. देवनगरी हरिद्वार में पतित पावनी गंगा भक्तों के पाप धोती है. शिव की जटाओं से निकली मोक्षदायिनी गंगा के स्पर्श से महाकुंभ की इस नगरी का महत्व और ज्यादा बढ़ जाता है. कहते हैं यहीं ब्रह्मा, विष्णु और महेश वास करते हैं और इसी धर्म नगरी में बसा है वो स्थान जो सुनाता है सती के क्रोध और शिव का अपमान न झेल पाने के बाद सती के आत्मदाह की कहानी. सती और शिव का संबंध अटूट है. भगवान भोले में बसती हैं सती और शक्ति के हृदय में रहते हैं शिव. लेकिन सती की अग